किसानों को मिलेगी ₹31,500 प्रति हेक्टेयर सब्सिडी, ऐसे उठाएं फायदा PKVY Yojana

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PKVY Yojana: भारत सरकार किसानों को रासायनिक खेती से हटाकर जैविक खेती की ओर प्रोत्साहित करने के लिए “परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY)” चला रही है। इस योजना के तहत देशभर में लाखों किसानों को आर्थिक सहायता दी जा रही है, ताकि वे टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल खेती कर सकें। PKVY Yojana 2025 में किसानों को तीन साल की अवधि में प्रति हेक्टेयर ₹31,500 की सब्सिडी सीधे उनके बैंक खाते में दी जाएगी।

PKVY Yojana

PKVY Scheme 2025  जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की बड़ी पहल किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर है, जो खेती को जैविक बनाना चाहते हैं और साथ ही सरकारी सब्सिडी का लाभ उठाना चाहते हैं। सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में भारत के अधिकतर किसान जैविक खेती की दिशा में कदम बढ़ाएं, जिससे मिट्टी, फसल और किसान-तीनों का भविष्य सुरक्षित हो सके।

PKVY योजना क्या है?

परंपरागत कृषि विकास योजना (Paramparagat Krishi Vikas Yojana) का उद्देश्य किसानों को क्लस्टर-आधारित जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित करना है। इस योजना से किसान रासायनिक खाद की जगह वर्मी-कम्पोस्ट, गोबर खाद, बायो फर्टिलाइज़र और अन्य जैविक उपायों का उपयोग कर सकते हैं।
योजना का लाभ तीन साल में ₹31,500 प्रति हेक्टेयर तक दिया जाता है, जिससे किसान अपनी भूमि को उपजाऊ बनाते हुए बाजार में बेहतर दाम पा सकें।

सब्सिडी का पूरा विवरण

PKVY Scheme में किसानों को तीन साल में कुल ₹31,500 की राशि दी जाती है, जो अलग-अलग मदों में विभाजित होती है:-

₹15,000 — जैविक इनपुट (खाद, बीज, वर्मी कम्पोस्ट आदि)

₹4,500 — मार्केटिंग और मूल्य संवर्धन

₹3,000 — प्रमाणन और गुणवत्ता परीक्षण

₹9,000 — प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण

यह पूरी राशि किसानों के बैंक खाते में DBT (Direct Benefit Transfer) के जरिए भेजी जाती है।

किन किसानों को मिलेगा लाभ?

इस योजना का मुख्य उद्देश्य लघु और सीमांत किसानों को सशक्त बनाना है।

महिला किसानों के लिए 30% आरक्षण रखा गया है।

किसान समूह, स्वयं सहायता समूह (SHG) और सहकारी समितियाँ भी इस योजना में आवेदन कर सकती हैं।

योजना का लाभ पाने के लिए किसानों को क्लस्टर का हिस्सा बनना होगा, जो कम से कम 20 हेक्टेयर क्षेत्रफल का होना चाहिए।

PKVY सब्सिडी का उपयोग कैसे करें?

मिले हुए धन का उपयोग किसान निम्नलिखित कार्यों में कर सकते हैं:-

जैविक खाद, बायो फर्टिलाइज़र और बीज खरीदने में

प्रशिक्षण और प्रमाणन कार्यक्रमों में भाग लेने में

अपने जैविक उत्पादों की पैकेजिंग, ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर
इससे किसानों को स्थानीय मंडियों और प्रीमियम ऑर्गेनिक मार्केट्स में अपने उत्पाद बेचने का मौका मिलता है।

किसानों के लिए फायदे

इस योजना से किसानों को दोहरा लाभ होता है:-
एक ओर उत्पादन लागत घटती है और मिट्टी की गुणवत्ता सुधरती है, वहीं दूसरी ओर जैविक उत्पादों की कीमत बाजार में ज्यादा मिलती है।
यह योजना पर्यावरण संरक्षण, जल संसाधन बचाव और जैव विविधता को बनाए रखने में भी अहम भूमिका निभा रही है।

PKVY Yojana की आवेदन प्रक्रिया

PKVY Yojana में आवेदन करने के लिए किसान अपने राज्य के कृषि विभाग, कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) या PGS-India पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए जरूरी दस्तावेज़ हैं:-

भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र

आधार कार्ड

बैंक खाता विवरण

पासपोर्ट साइज फोटो

आवेदन स्वीकृत होने पर किसानों को क्लस्टर में शामिल किया जाता है और सब्सिडी तीन वर्षों में किस्तों में प्रदान की जाती है।

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