Land Registry: भारत में जमीन और संपत्ति से जुड़े सौदे हमेशा से संवेदनशील माने जाते हैं। अक्सर छोटे कस्बों और ग्रामीण इलाकों में देखा गया है कि कागज़ अधूरे होने की वजह से खरीदार और विक्रेता दोनों को कानूनी झंझटों का सामना करना पड़ता है। इसे रोकने के लिए सरकार ने 2025 से जमीन की रजिस्ट्री से जुड़े नियमों को और सख्त कर दिया है। अब बिना 5 अहम दस्तावेज़ों के रजिस्ट्री संभव नहीं होगी।
Land Registry
राजस्व विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, संपत्ति विवाद भारत में अदालतों में लंबित मामलों का बड़ा हिस्सा हैं। कई बार एक ही जमीन को अलग-अलग लोगों के नाम बेच दिया जाता है या नकली कागज़ दिखाकर सौदा कर दिया जाता है। इससे खरीदार को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। यही वजह है कि अब सरकार ने रजिस्ट्री प्रक्रिया को डिजिटल और पारदर्शी बनाने पर जोर दिया है।
रजिस्ट्री के लिए अनिवार्य ये 5 दस्तावेज
आधार और पहचान पत्र
खरीदार और विक्रेता दोनों को आधार कार्ड, पैन कार्ड या मान्य पहचान पत्र दिखाना होगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि सौदा करने वाले असली व्यक्ति हैं।
खसरा-खतौनी और नक्शा
जमीन के असली मालिक और उसकी सीमा की जानकारी खसरा-खतौनी और नक्शे से ही साबित होती है। इसके बिना सौदे पर भरोसा करना खतरनाक हो सकता है।
बिक्री अनुबंध और टाइटल डीड
रजिस्ट्री से पहले दोनों पक्षों के बीच लिखित अनुबंध होना जरूरी है। साथ ही, पूर्व मालिक का टाइटल डीड भी लगाना होगा ताकि यह साफ हो सके कि जमीन उसी के नाम पर दर्ज है।
टैक्स क्लियरेंस सर्टिफिकेट
जमीन पर कोई बकाया कर न हो, इसके लिए टैक्स क्लियरेंस सर्टिफिकेट अनिवार्य कर दिया गया है। इससे खरीदार को भविष्य में देनदारी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
एनओसी और अन्य अनुमति
अगर जमीन किसी प्राधिकरण या विशेष श्रेणी (जैसे कृषि भूमि) में आती है तो संबंधित विभाग से एनओसी लेना जरूरी होगा।
खरीदारों और विक्रेताओं के लिए अहम सलाह
विशेषज्ञों का कहना है कि अब किसी भी सौदे से पहले जमीन की पूरी जांच ऑनलाइन पोर्टल पर कर लेना चाहिए। ग्रामीण इलाकों में कई लोग बिना खसरा-खतौनी चेक किए ही सौदा कर लेते हैं, जिससे बाद में विवाद खड़ा हो जाता है। वकीलों की मानें तो टैक्स भुगतान की रसीद और NOC पहले से तैयार रखने से प्रक्रिया काफी आसान हो जाएगी।
आम जनता को होगा फायदा?
इन नए नियमों से फर्जीवाड़ा कम होगा और खरीदारों को कानूनी सुरक्षा मिलेगी। खासकर छोटे शहरों और गांवों में जहां अक्सर जमीन को लेकर विवाद होते रहे हैं, वहां यह बदलाव लोगों को भरोसा दिलाएगा कि उनका सौदा सुरक्षित है।